मार्च 2020 अभी सब नोर्मल ही था स्कूल जाते बच्चे को एग्जाम की चिंता, SSC और UPSC के सारे एस्पाइरेंट्स अपना बेस्ट देने में लगे थे। घर पर मां को खाने और सफाई की चिंता और पीछे बहुत सालों से पापा की ऑफिस वाली वही जिंदगी। ताजुब की बात ये थी की एक उम्र सी बीत गई थी वक्त को ठहरे हुये सबकी जिंदगियां इतनी तेजी से चल रही थीं की किसी ने रुकने का सोचा ही नहीं, सबको आगे ही बढ़ना था। एक खबर थी अखबारों में कि दुनियां के एक हिस्से में कुछ हो रहा था पर अभी तक हमारे यहां जिंदगी रफ्तार में ही थी, कुछ लोगों ने मजाक भी बनाया की जो बुरा करते हैं उनके साथ ही होगा हमें कुछ नहीं होगा।
मेरी दादी एक कहानी सुनाती थी कि आज से बहुत साल पहले कभी महामारी आयी थी ऐसे हालात थे उस वक्त की अगर एक का अंतिम संस्कार करके आए तो दूसरी जिंगदी उससे पहले दम तोड़ रही थी। इस कहानी वाले लोगों में मेरे पूर्वजों में से भी तीन बच्चों ने ऐसे ही अपना दम तोड़ा। पर यकीन मानिए हमेशा ऐसा लगता था कि अब विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि ऐसा आगे तो शायद कुछ ना हो।तीसरे विश्वयुद्ध का डर तो दिल में था पर सोचा ना था कि वो किसी वायरस के रूप में आएगा जहां वायरस बनाम पूरी दुनिया होगी।
मेरी दादी एक कहानी सुनाती थी कि आज से बहुत साल पहले कभी महामारी आयी थी ऐसे हालात थे उस वक्त की अगर एक का अंतिम संस्कार करके आए तो दूसरी जिंगदी उससे पहले दम तोड़ रही थी। इस कहानी वाले लोगों में मेरे पूर्वजों में से भी तीन बच्चों ने ऐसे ही अपना दम तोड़ा। पर यकीन मानिए हमेशा ऐसा लगता था कि अब विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि ऐसा आगे तो शायद कुछ ना हो।तीसरे विश्वयुद्ध का डर तो दिल में था पर सोचा ना था कि वो किसी वायरस के रूप में आएगा जहां वायरस बनाम पूरी दुनिया होगी।
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